आईआईटियन को भी नहीं मिल रही नौकरी, 3 साल में संख्या हुई दूनी
जमशेदपुर: आईआईटियन को नौकरी नहीं मिल रही है। कहते हैं कि आईआईटी कर लो, फिर नौकरी की कोई टेंशन नहीं है। जाब की गारंटी है। लेकिन, अब मामला उल्टा हो गया है। आईआईटी करने वाले छात्र भी जॉब की तलाश में हैं। साल 2023 24 में जाब के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले 38 प्रतिशत आईआईटियन को अब तक नौकरी का कोई ऑफर नहीं मिला है। साल 2021-22 में जाब से वंचित आईआईटी के छात्र 19% थे। यानी 3 साल में यह संख्या दोगुनी हो गई है। साल 2021-22 में आईआईटी कानपुर में 2256 छात्रों ने नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें से 1615 यानी 71.5 प्रतिशत छात्रों को ही जॉब मिली थी। साल 2023 -24 में रजिस्ट्रेशन कराने वाले 2660 छात्रों में से 58.7 प्रतिशत यानी 1564 लोगों को ही जॉब मिल सकी। जानकार बताते हैं कि समस्या यहीं तक सीमित नहीं है।
सैलरी पैकेज भी हुआ 20% कम
जाब मिलने वालों के लिए औसत पैकेज भी 20% कम हो गया है। दिल्ली आईआईटी की एक छात्रा का कहना है कि कंपनियां पहले तो सैलरी ऑफर देती हैं। लेकिन, नौकरी ज्वाइन कराने के बाद में पलट जाती हैं। ऐसा कई छात्रों के साथ हुआ है। जेईई मेंस 2024 में 14.15 लाख छात्रों में से महज दो प्रतिशत को ही आईआईटी में सीट मिली थी। बताते हैं की वैश्विक मंदी के चलते जाब मिलने में दिक्कत हो रही है। अमेरिका में ब्याज दर और महंगाई दोनों ज्यादा हो गई हैं।कोरोना कल के दौरान भर्ती में तेजी आई थी। लेकिन अब कंपनियां स्टाफ कम कर रही हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलते घाटी नौकरी
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलते भी नौकरी घटी है। ज्यादातर कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर रही हैं और सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब में तेजी से कमी आई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि आईआईटी कोर्स में बदलाव की भी जरूरत है।