नीट यूजी पेपर लीक कांड में हजारीबाग पहुंची सीबीआई ने केंद्र के प्रिंसिपल को लिया हिरासत में, ब्लू डार्ट कूरियर कंपनी का संचालक फरार
जमशेदपुर: नीट यूजी पेपर लीक कांड में सीबीआई की तहकीकात अब तेजी से आगे बढ़ रही है। बुधवार को सीबीआई मामले की जांच करने हजारीबाग पहुंच गई।यहां ओएसिस स्कूल जाकर सीबीआई के अधिकारियों ने स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक से पूछताछ की। यहां पूछताछ करने के बाद वह स्थान देखा जहां पेपर के ट्रंक रखे गए थे। प्रिंसिपल से पूछा गया कि 5 मई को परीक्षा के दिन क्या-क्या हुआ था। कितने बजे पेपर आया। पेपर कैसे खोला गया। पेपर जब खोला गया तो मौके पर कौन-कौन मौजूद था। ट्रंक लाकर पेपर खोलने का पूरा दृश्य सीबीआई ने देखा। पूछताछ के बाद सीबीआई ने ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक को हिरासत में ले लिया है और अपने साथ ले गई है। इसके बाद सीबीआई के अधिकारी भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में पहुंचे। यहां से पेपर का ट्रंक स्कूल भेजा गया था। सीबीआई के अधिकारियों ने वह स्ट्रांग रूम देखा। जहां पेपर रखा गया था। इसके अलावा स्टेट बैंक के मैनेजर और अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की। सीबीआई के अधिकारी कूरियर कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ करेंगे। ब्लू डार्ट कूरियर कंपनी का संचालक फरार हो गया है। उसकी भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल को क्यों नहीं दिखा फटा लिफाफा
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि बुकलेट नंबर 613 6488 और अध जला प्रश्न पत्र परीक्षा माफिया के ठिकाने से मिला था।
जिस ट्रंक और एनवेलप में इस बुकलेट नंबर का प्रश्न पत्र था, उसे खोला गया था। उससे छेड़छाड़ की गई थी। लिफाफे को ठीक से फाड़ कर प्रश्न पत्र निकाला गया था। प्रश्न पत्र को लिफाफे से निकालने के बाद उसकी तस्वीर खींची गई और पेपर लीक गैंग के सरगना तक व्हाट्सएप के जरिए नीट का पेपर पहुंचाया गया। जिस लिफाफे का प्रश्न पत्र लीक हुआ है। वह पहले से फटा हुआ था और इतनी सफाई से पढ़ा गया था कि देखने में पता नहीं चल रहा था कि पेपर फटा हुआ है। लेकिन जब पेपर खोला गया तो क्यों किसी ने नहीं देखा कि इस लिफाफे का निचला हिस्सा पहले से फटा हुआ है। जबकि प्रश्न पत्र निकालने के बाद पूरा मेमोरेंडम बनाया जाता है। यह प्रश्न पत्र कितने लोगों के बीच खोला गया और किस स्थिति में खोला गया। लिफाफे किस स्थिति में थे। लेकिन फटे हुए लिफाफे को किसी ने नहीं देखा। जांच रिपोर्ट के अनुसार ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल, ऑब्जर्वर और केंद्र अधीक्षक की भी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है।
चिंटू को प्रश्न पत्र भेजने वाले प्रोफेसर की तलाश
बताते हैं कि नालंदा जिले के रहने वाले चिंटू उर्फ बलदेव कुमार को देवघर से अरेस्ट किया गया था। उसी ने यह पेपर परीक्षार्थियों को भेजा था। चिंटू को एक प्रोफेसर ने मोबाइल पर प्रश्न पत्र भेजा था। सीबीआई उस प्रोफेसर की तलाश में जुट गई है कि यह कौन सा प्रोफेसर है। बताते हैं कि चिंटू के व्हाट्सएप पर पेपर आने के बाद हिल्सा के रहने वाले पिंटू ने इसका प्रिंट निकाला था और फिर पटना के खेमनीचक स्थित प्ले स्कूल के हॉस्टल में ठहराए गए परीक्षार्थियों को हल पेपर रखने के लिए दी गए थे।
पेपर लीक के आरोपी चिंटू व मुकेश से भी पूछताछ करेगी सीबीआई
सीबीआई चिंटू कुमार और मुकेश कुमार से भी पूछताछ करेगी। इन दोनों को सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज हर्षवर्धन सिंह ने बुधवार को 3 दिन की डिमांड पर सीबीआई को सौंप दिया है। इन दोनों को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने 22 जून को नालंदा जिले के बिहार थाना क्षेत्र के मुरैना गांव से गिरफ्तार किया था।