9 IITs ने बंद की ब्रांच बदलने की सुविधा, अब एक बार चुनी गई ब्रांच में ही पूरी करनी होगी पढ़ाई
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के नौ प्रमुख संस्थानों ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ी सुविधा को समाप्त कर दिया है। अब से, IITs में एक बार चुनी गई ब्रांच को बदलने का मौका नहीं मिलेगा, चाहे छात्र की परफॉर्मेंस कितनी भी अच्छी क्यों न हो।
आईआईटी ने यह निर्णय विद्यार्थियों के हित में बताते हुए कहा कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता और अनुशासन में सुधार होगा। पहले, फर्स्ट ईयर के बाद छात्रों को अपनी ब्रांच बदलने का विकल्प मिलता था, यदि वे अच्छे CGPA (कंपोजिट ग्रेड पॉइंट एवरिज) और क्रेडिट प्राप्त करते थे। इसके लिए छात्रों को पहले साल में CGPA 7.50 से अधिक और 32 क्रेडिट अर्जित करने की आवश्यकता होती थी।
हालांकि, नए नियम के तहत अब से छात्रों को अपनी चुनी हुई ब्रांच में ही पढ़ाई पूरी करनी होगी। यह निर्णय IITs द्वारा छात्रों की पढ़ाई के प्रति गंभीरता को बनाए रखने और समग्र शैक्षणिक अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
यह निर्णय कुछ छात्रों के लिए निराशाजनक हो सकता है, जो अपनी पहली पसंद की स्ट्रीम में संतुष्ट नहीं थे, लेकिन आईआईटी का मानना है कि यह कदम छात्रों को अपने चुने हुए क्षेत्र में अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा।
किस 9 आईआईटी ने लिया फैसला
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) ने एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए ब्रांच बदलने की सुविधा को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस साल से आईआईटी मद्रास, खड़गपुर, धनबाद, मंडी, भुवनेश्वर और धारवाड़ ने इस सुविधा को बंद कर दिया है। इससे पहले, 2023 में आईआईटी बॉम्बे, 2021 में आईआईटी हैदराबाद और 2018 में आईआईटी जम्मू ने भी ब्रांच बदलने की सुविधा समाप्त कर दी थी।
अब ब्रांच बदलने की अनुमति देने और न देने वाले आईआईटी की लिस्ट इस प्रकार है:
ब्रांच बदलने की अनुमति देने वाले IITs:
IIT कानपुर
IIT गोवा
IIT दिल्ली
IIT रुड़की
IIT गांधीनगर
IIT इंदौर
IIT रोपड़
IIT गुवाहाटी
IIT पटना
IIT पलक्कड़
IIT तिरुपति
IIT भिलाई
IIT जोधपुर
ब्रांच बदलने की अनुमति न देने वाले IITs:
IIT जम्मू
IIT हैदराबाद
IIT बॉम्बे
IIT मद्रास
IIT खड़गपुर
IIT धनबाद
IIT धारवाड़
IIT मंडी
IIT भुवनेश्वर
यह बदलाव आईआईटीs द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने और छात्रों की अनुशासनिकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। नए नियम के अनुसार, छात्रों को अपनी चुनी हुई ब्रांच में ही पढ़ाई पूरी करनी होगी, जो कुछ छात्रों के लिए निराशाजनक हो सकता है।
आईआईटी ने क्यों समाप्त किया ब्रांच चेंज ऑप्शन
आईआईटी का कहना है कि इस बदलाव से छात्रों पर पढ़ाई का दबाव कम होगा और वे कॉलेज की अन्य गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे। ब्रांच बदलने का विकल्प छात्रों को अपनी पढ़ाई के प्रति अत्यधिक ध्यान केंद्रित करने पर मजबूर करता था, जिससे उनका कॉलेज का समग्र अनुभव प्रभावित होता था।
आईआईटी का उद्देश्य पढ़ाई के माहौल को संतुलित और तनावमुक्त बनाना है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रांच बदलने का विकल्प छात्रों की समग्र विकास को प्रोत्साहित करता था और इसके समाप्त होने से चुनौतीपूर्ण माहौल में और तनाव बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि छात्रों को सिर्फ पढ़ाई पर नहीं, बल्कि समग्र विकास पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि वे एक संतुलित और समृद्ध कॉलेज अनुभव प्राप्त कर सकें।