परिचय
जमशेदपुर: इन दिनों बच्चों को डील करना काफी मुश्किल हो रहा है। मोबाइल के इस दौर में बच्चे इसी से चिपके रहना चाहते हैं। लेकिन, मोबाइल में शार्ट्स देखकर आपके बच्चे बिगड़ रहे हैं। वह ऐसी संस्कार सीख रहे हैं जो आपके बच्चे में हर बुराई पैदा कर रहा है। इसलिए बच्चों को शार्ट्स देखने से रोकें। उन्हें इस दौर में नैतिक शिक्षा की जरूरत है। बच्चों को घर पर ही आप नैतिक शिक्षा दे सकते हैं। हर बच्चा अपने आप में ही काफी सक्षम होता है और उन्हें जरूरत होती है कुछ ऐसी आदतों की जो उन्हें स्मार्ट बनाए। आइए, ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में हम आज बात करेंगे।
आज के बच्चे कल का समाज
आज के बच्चे कल का समाज निर्मित करते हैं। ज़रा सोचिए कि हमने कैसा समाज बना दिया है। व्यवसायिकता और पैसे का भूत सब पर हावी है। हर इंसान किसी भी कीमत पर पैसा कमाना चाहता है। रिश्ते गौण हो गए हैं। इंसानियत मर गई है। ऐसे में अगर हमें समाज को सुधारना है तो बच्चों पर ध्यान देना होगा। यह बच्चे अगर नैतिक हो गए तो आगे का समाज नैतिक बन जाएगा। इससे देश सुधरेगा। आज सब शिकायत कर रहे हैं कि रिश्वतखोरी बढ़ रही है। नेता खराब हो गए हैं। यह रिश्वतखोर अधिकारी, कर्मचारी या गद्दियों पर बैठे नेता किसने बनाए हैं। यह कहां से आए हैं। यह हमारी ही औलादें हैं। हमने ही रिश्वतखोर और भ्रष्ट नेता अपने घरों से बनाए हैं। यही आगे चलकर समाज को गंदा करते हैं। इसलिए जरूरत है बच्चों पर फोकस करने की।
नैतिकता की कमी का प्रभाव
कुछ महीने पहले रांची में एक महात्मा का निधन हो गया था। भुइंयाडीह में बाबा के मानने वाले थे। सबने तीन गाड़ियां किराए पर कीं बाबा के अंतिम संस्कार में जाने के लिए। रास्ते में एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दो लोग मर गए और बाकी घायल हो गए। जो गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी उसके पीछे भुइंयाडीह से बाबा के अंतिम संस्कार में जाने वाली दो गाड़ियां थीं। दोनों रुकीं। लोग उतरे। मगर, घायलों को चीख-पुकार के बीच छोड़कर यह कहकर आगे बढ़ गए कि रुकेंगे तो बाबा के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच पाएंगे। हमने यह समाज बनाया है। इसे सुधारना होगा वरना हम विनाश की तरफ ही आगे बढ़ रहे हैं।
बच्चों को नैतिक व तेज कैसे बनाएं
उत्सुकता
हर बच्चे के अंदर कुछ नया जानने की इच्छा, सवालों के जवाबों को खोजने की जिज्ञासा खत्म नहीं होनी चाहिए। इसलिए उनके साथ कुछ ऐसे गेम्स खेलते रहना चाहिए जो उनके दिमाग को शार्प करें।
अच्छी बातें
बच्चों को हमेशा अच्छी बातें बतानी और सीखनी चाहिए ताकि वे किसी भी गलत मार्ग पर न जा सकें।
सीखने की क्षमता
बच्चों में सीखने और जानने की क्षमता हमेशा होनी चाहिए और साथ ही उनकी किताबों में रुचि होनी चाहिए, इससे उनके रीडिंग स्किल्स मजबूत होती हैं।
चैलेंजेस फेस करना
बच्चों को हमेशा कठिन कार्य और टास्क देने चाहिए, जिससे वे अपने दिमाग पर जोर दें।
समय प्रबंधन
बच्चों को समय का सही तरीके से उपयोग करना आना चाहिए, इससे बच्चे पंक्चुअल होते हैं और सही मायने में अपना काम करते हैं।
मैनर्स
हमेशा बच्चों को सही शिक्षा देनी चाहिए जिससे बच्चे हमेशा अच्छे तरीके से सबसे पेश आएं।
शेयरिंग एंड केयरिंग
बच्चों को शेयरिंग और केयरिंग वाली बातें सीखनी चाहिए ताकि उनके अंदर सेंस ऑफ केयर की भावना आए।
खेल-कूद
बच्चों को हर क्षेत्र में अव्वल होना चाहिए, इसलिए उन्हें खेल-कूद पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे उनका शारीरिक विकास होता है।
नैतिक शिक्षा की कहानी सुनाएं
बच्चों को नैतिक शिक्षा की कहानी सुनाएं। उनके अंदर ईश्वर से डर की भावना पैदा करें ताकि बच्चा सही और गलत को समझे और उसका नैतिक विकास हो सके।
निष्कर्ष
इन आदतों को अपनाकर हम अपने बच्चों को न केवल स्मार्ट बना सकते हैं बल्कि एक बेहतर समाज के निर्माण में भी योगदान दे सकते हैं। बच्चों को सही दिशा देने से हम भविष्य की पीढ़ी को नैतिक और सक्षम बना सकते हैं।